MP Vyapam Ghotala: मध्य प्रदेश व्यापम घोटाला में 7 आरोपियों को सात-सात साल की सजा
MP Vyapam Ghotala: मध्य प्रदेश व्यापम घोटाला मामले में आया फैसला 7 आरोपियों को सात-सात साल की सजा एवं 10-10 हजार के अर्थ दंड से किया गया दंडित
MP Vyapam Ghotala: मध्य प्रदेश का बहुचर्चित व्यापम घोटाला मामले में राजधानी के विशेष न्यायालय सीबीआई (व्यापम प्रकरण) के न्यायाधीश नीतीश राज सिंह सिसोदिया ने बड़ा फैसला किया है. इस मामले में उन्होंने दोषी पाए गए 7 आरोपियों को सात-सात साल की सजा और 10 हजार का अर्थ दंड सुनाया है. व्यापम घोटाला मामले में न्यायालय ने अजय टेगर, अनिल चौहान, सुलवंत मौर्य, शिवशंकर प्रसाद और प्रशांत मेश्राम को सजा सुनाई है.
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मध्य प्रदेश की व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में अभ्यर्थियों के अनुचित चयन होने की शिकायत एसटीएफ को मिली थी जिसके बाद इस मामले की जांच हुई. यह सभी आरोपी पीएमटी वर्ष 2008 एवं 2009 की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी थे. एसटीएफ ने काफी जांच करने के बाद पाया कि सभी ने किसी अन्य व्यक्ति (सॉल्वर) की माध्यम से परीक्षा को उत्तीर्ण किया था. इसके बाद इन्हें गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में दाखिला मिला था. एसटीएफ ने जांच के बाद इन सभी अभ्यर्थियों को दोषी पाया और उनकी ओएमआर शीट को भी जप्त कर लिया था.
इसके अलावा आवेदन पत्र एवं मेडिकल कॉलेज में जमा किए गए आवेदन पत्र में लगाए गए फोटो अलग-अलग पाए गए. इतना ही नहीं हस्तलिपि विशेषज्ञों के द्वारा जब जांच की गई तो हस्ताक्षर नमूना भी अलग-अलग निकाल. इस पूरे मामले की जांच के बाद एसटीएफ पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए अपराध दर्ज किया था.
लिहाजा राजधानी के विशेष न्यायालय सीबीआई (व्यापम प्रकरण) के न्यायाधीश नीतीश राज सिंह सिसोदिया की बेंच ने 7 आरोपियों को सात-सात साल की सजा एवं अर्थ दंड से दंडित किया है.
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